ढुंढाड़ी भासा का परबाव को मान-सम्मान कर्यो जार्यो छ।
- ईनअ बोलबाळा खुद को अर समुदाय का रूप मंअ मान-सम्मान हअलो।
- खुद कअ घरां, गांव अर छेतर कअ बारअ, हर ठोर पअ ढुंढाड़ी भासा बोलो।
- जतरो हअ सकअ आपणी ढुंढाड़ी भासा का उपयोग नअ बडाओ।
- आपणी ढुंढाड़ी भासा अर समुदाय पअ गरव करो।
- नरा लोग ढुंढाड़ी भासा मंअ लेख, बातां, कबिता ओर दूसरा साइत्य बी लिखअला।
- आपणी ढुंढाड़ी भासा मंअ निकां बडिया बातचीत करो।
- दूसरा लोग आपणी ढुंढाड़ी भासा अर संस्करति नअ पचाणबो सुरू कर देला।
- थाँकी राय द्यो