(1)
तमाकू सूं दूरां रिज्यो
सोजी : एक बार कळी कै सात-आठ फुट की नहं लगार तमाकू पीर्यो छो।
बदरी : अतरी लम्बी नहं लगार तमाकू क्यूं पीर्यो छै?
सोजी : मन डागदर तमाकू सूं दूरां रैबा बेई खियो छो।
(2)
मोट्यार पीटै छै
लुगाई : बाबाजी म्हारो मोट्यार मन नतकई पीटै छै।
बाबोजी : यो लै ताबीज, जद थारो मोट्यार घरां आवै जद ईं ताबीज नै दांता तळै मेल लिज्यो।
लुगाई : बाबाजी कमाल हैग्यो, अब म्हारो मोट्यार मन न पीटै।
बाबोजी : यो ताबीज को असर कोनै, यो तो थारी जबान नै बन्द रांखबा को असर छै।
(3)
सगळा मोल्ला का राजी छै
एक बार पप्पू ऊंकी लुगाई सूं घाडो तंग हैग्यो अर तलाक कै ताणी कोट मै चलग्यो।
पप्पू : जज साब म्ह म्हारी लुगाई सूं राजी कोनै।
जज : लुगाई नै खियो, थारो आदमी थारसूं राजी क्यूं कोनै?
लुगाई : जज साब म्हारसूं सगळा मोल्ला का राजी छै, बस येई राजी कोनै।
(4)
यो टेसण कांई को छै
एक लुगाई रैलगाडी मै सूं उतरी। वा उतरतांई एक छोरा नै पूची।
लुगाई : छोरा यो टेसण कांई को छै?
छोरो : जोर सूं हंसर बोल्यो, यो तो बळदगाडी को टेसण छै।

(5)
गहणा को बीमो कोनै
रमेस की लुगाई एक दन रात मै बोली।
मीरां : अजी उठो, आलमारी का गहणा कन चोर आग्यो।
रमेस : ऊंकन हथिहार हैलो तो?
मीरां : अजी थे डरपै क्यूं छो? थांको तो बीमो छै, गहणा को कांई बीमो छै?
(6)
साइकल का बदला मै लुगाई नै बेच दियो
एक लुगाई ऊंका आदमी नै बोली कै, आज का अकबार मै एक आदमी ऊंकी लुगाई नै बेच दियो।
आदमी : कतरा मै बेच दियो?
लुगाई : एक पराणी साइकल का बदला मै बेच दियो। थे तो अस्यां मत करज्यो।
आदमी : म्ह अतरो पागल थोड़ी छूँ, थारै बदला मै तो एक कार आवैली।
(7)
गण्डकड़ा नै ठीक कोन छो
एक मरीज रात मै डागदर कन गियो।
डागदर : मरीज नै खियो, कांई बात छै?
मरीज : मन गण्डकड़ो खाग्यो।
डागदर : तन ठीक छै, म्ह रात मै नो बज्यां पाछै कोई नै बी कोन देखूं।
मरीज : डागदर साब थांकी बात तो सई छै, पण गण्डकड़ा नै ईं बात को ठीक कोन छो।
(8)
आदमी सूं परेम
एक बार राजू ऊंकी लुगाई मीरां नै खियो।
राजू : तू म्हारै सूं कतरोक परेम करै छै?
मीरां : घणो सारो।
राजू : म्ह मर जाऊं तो थारै कतरोक दुख हैलो?
मीरां : घणो जादा।
राजू : मन दखार बता?
मीरां : थे मरर दखावो।

(9)
आदमी डरपोक छै।
एक बार दोनी जणा कै राड़ हैगी।
मोट्यार : म्ह थारै सूं डरपू कोनै।
लुगाई : थे तो घणा डरपोक छै। म्हारै घरां मन लेबै गिया छा, जद्‌यां सो आदम्यां नै लेर गिया छा। म्ह तो थांकै घरां एकली ई आगी।
(10)
लुगाई कम उमर की हैगी
एक आदमी ऊंकी लुगाई नै खियो।
आदमी : अरै सुणै छै कांई? जादा बोलबा सूं उमर कम है छै।
लुगाई : हंसर बोली कै, म्ह जादा बोलू छूँ, जिसूं ईं तो म्हारी उमर कम हैगी। म्हारी चाळीस साल की उमर छी। अब पच्‍चीस की हैगी।
(11)
सुवो तेल पीग्यो
मदन : तू काल सुवो लेर आयो छो, वो कोड़ै छै?
रतन : कांई बताऊं काल वो तेल पीग्यो।
मदन : फेर कांई हियो?
रतन : पहली तो खूब उड्यो फेर वो फड़फड़ार तळै पड़ग्यो।
मदन : फेर वो तो मरगेलो यार?
रतन : मर्यो कोनै यार मन यां लागै छै, ऊंको तेल बीतग्यो।
(12)
कोठी पै लत्‍ता धोलै
एक बार रामू की लुगाई नै रात मै नींद कोन आरी छी।
रामा : अजी मन नींद कोन आरी।
रामू : तन नींद कोन आरी तो, कोठी पै जार लत्‍ता धोलै।
(13)
म्ह घणी सुवावणी हैती जारी छूँ।
एक लुगाई रोटी बणारी छी। वा ऊंका आदमी नै बोली, अजी सुणै छै कांई?
आदमी : कांई छै?
लुगाई : आजकाल तो म्ह घणी सुवावणी हैती जारी छूँ।
आदमी : तन कियां ठीक छै?
लुगाई : देखो आजकाल तो मन देखर रोट्यां बी बळबा लाग्गी।
(14)
घणी नठ्यां उमर केद करायो।
मुजरिम : वकील नै खियो कै, कोसिस करज्यो उमर केद हैज्या पण मोत की सजा न मलणी चाईजे।
वकील : तू चन्ता मत करै, तू खैलो जियांई फैसलो हैज्यालो।
मुजरिम : कांई हियो?
वकील : घणी नठ्यां उमर केद करायो, नहीं तो वै तन छोडर्या छा।
(15)
लुगाई नै मुसाणा मै लेग्यो।
एक मोट्यार लुगाई नै घूमाबा बेई मुसाणा मै लेग्यो।
लुगाई : अजी थे मन कोडै ले आया?
मोट्यार : अरै बावळी अण्डै आबा बेई लोग-बाग मरै छै।