असी काँई बीनणी आई रै।
घर मै हैग्यो घोर जीव नै चडी कड़ाई रै॥(टेर)


एडी ईंकी उजळी रै, कणियाँ नो मण मेल।
छह महना बिर्था डोल्या, या असल संखणी भाई रै॥
घर मै हैग्यो घोर जीव नै ……॥(1)


भूतणी बणगी रै, या खुल्ला राँखै बाळ।
आँख्याँ गीड नाँक सूँ सेडो टपकै, जाणै नरक छोड भाग्याई रै॥
घर मै हैग्यो घोर जीव नै ……॥(2)


ईंका लखण देख-देख, सासू समजाबा लागी रै।
काँई नहीं सोची बात, ऊनै बरी तरै बतळाई रै॥
घर मै हैग्यो घोर जीव नै ……॥(3)


सासू नणद दोराणी जठ्याणी, वाँकी काँई साख।
सगा कसम की चोटी पकड़ै, या घर मै रोळ मचाई रै॥
घर मै हैग्यो घोर जीव नै ……॥(4)