बीरबल को चातरकपणो
एक बार की बात छै, अकबर का दरबार मै नरा सारा दरबारी छा। ज्याँमै सूँ अकबर, बीरबल नै घणो चावै छो। अकबर का दरबारी बीरबल नै देखर बळै छा। एक दन सगळा दरबारी बोल-बतळार बीरबल नै नखाळबा को बच्यार कर लिया। बीरबल घणो चातरक छो, ऊँकै आगै सब दरबार्यां नै हार मानणी पड़ै छी। एक दन अकबर
- आगै ओर पडो
- थाँकी राय द्यो
अबार की राय