ढूँढाड़ी बाताँ

बीरबल को चातरकपणो

एक बार की बात छै, अकबर का दरबार मै नरा सारा दरबारी छा। ज्याँमै सूँ अकबर, बीरबल नै घणो चावै छो। अकबर का दरबारी बीरबल नै देखर बळै छा। एक दन सगळा दरबारी बोल-बतळार बीरबल नै नखाळबा को बच्यार कर लिया। बीरबल घणो चातरक छो, ऊँकै आगै सब दरबार्यां नै हार मानणी पड़ै छी। एक दन अकबर

बीरबल की खिचड़ी

एक बार जाडा का दना मै अकबर सगळा गाँव का लोगां नै भेळा कर लियो। गाँव कै साँकड़ै एक तळाव छो। अकबर ऊँ तळाव बेई खियो, जे आदमी ईं तळाव मै रात भर उबो रैज्या, ऊँनै एक लाख रफ्याँ की इनाम मल ज्याली। जाडा का दना मै सीळा पाणी मै उबो रहबा की बसकी कुण की छै?