गुरुजी नअ ध्यालअ रअ

गुरुजी नअ ध्यालअ रअ, थारा जनम-जनम का दुखड़ा मिटालअ रअ।
जनम-मरण का काट मोरछा, परित पुरबली पालअ रअ॥(टेर)


सतगुरु दाता बेद बण आया, करमारी नबज दखालअ रअ।
देख नबज समजकर दाता, करम नाड़ को चालअ रअ॥
गुरुजी नअ ध्यालअ रअ, थारा जनम-जनम का......॥(1)

घणो चोखो आपणो ढूंढाड़

घणो चोखो आपणो ढूंढाड़॥(टेर)


सगळा रवअ मल’र, बांटअ घणो प्यार।
काम करअ अपणो-अपणो, न करअ कोई पअ अत्याचार।
देख-देख हरसअ मन, अण्डअ का चोड़ा दरबार।
न मानअ तो देखल्यो, आपणा जेपर मंअ जार॥
घणो चोखो आपणो ढूंढाड़……॥(1)

Subscribe to