स्याळ बणग्यो राजो

एक बार की बात छै। एक जंगळ मै एक स्याळ रै छो। वो खुद तो सकार करै कोन छो अर दूसरा का करेड़ा सकार नै खार टेम-पास करै छो। एक बार ऊँनै खाबा बेई कांई भी कोन लाद्‌यो। वो भूखां मरतो एक गांव मै चलग्यो। जद्‌यां होळी को टेम छो। एक आदमी भगुनी मै लाल रंग गोळ मेल्यो छो। स्याळ भूखां म

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