बाण आयां की बाण न जाये
बाण आयां की बाण न जाये, चाई च्यारूं भेद पडाले रै।
पर तरिया अपणी ना होती कितना लाड लडाले रै॥(टेर)
- आगै ओर पडो
- थाँकी राय द्यो
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बाण आयां की बाण न जाये, चाई च्यारूं भेद पडाले रै।
पर तरिया अपणी ना होती कितना लाड लडाले रै॥(टेर)
भगती का मनवा बड़द घणा भारी।
लेवैला कोई सन्त सूरमा द्यो चरणा झारी॥(टेर)
भगती भारत जुगां-जुगां सूं जीवां की प्यारी।
कायर ज्यानै काम न आवै, बात करै न्यारी॥
भगती का मनवा बड़द घणा भारी……॥(1)
हेली म्हारी हो जाये, भजन की लार ये।
बताद्यूं तन राम नगरी, राम नगरी, ये परेम नगरी॥(टेर)
मन लोबी नहीं बिचारी रै।
थारी म्हारी करता उमर हैगी सारी रै॥(टेर)
नो-दस मास गरब मै रांख्यो माता थारी रै।
बारै निखाळो नै पूरण भगती करसूं थारी रै॥
मन लोबी नहीं बिचारी रै……॥(1)
अबार की राय