देवयों मन म्हे करो विचार
देवयों मन म्हे करो विचार पावोगी मनख्यां दे अवतार॥(टेर)
मत पूजै तू देवी-देवता, मन म्हे सोच विचार।
पति देव की सेवा करलै होजा भवजल पार॥
देवयों मन म्हे करो विचार पावोगी मनख्यां……॥(1)
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देवयों मन म्हे करो विचार पावोगी मनख्यां दे अवतार॥(टेर)
मत पूजै तू देवी-देवता, मन म्हे सोच विचार।
पति देव की सेवा करलै होजा भवजल पार॥
देवयों मन म्हे करो विचार पावोगी मनख्यां……॥(1)
भाई-भाई आणंद आयो रै।
सतगुरु अमरत पान करायो रै॥(टेर)
सबद कटोरी ग्यान की भरकर सतगुरु मोई पिलायो रै।
पितांई दोस्त भयो तन मन सब तांप न सांयो रै॥
भाई-भाई आणंद आयो रै……॥(1)
पंछीड़ा लाल सूतो कांई चादर ताण।
बाल-जुवानी दोनी बीती, छोड पाछली आण।
अब तो अवसर बीत्यो जावै छोड पाछली आण॥(टेर)
बालपणो हंस-खेल गमायो, दे दे गोदी ताण।
बाल-सखा संग करी लड़ाई, रांखी कोनै काण॥
पंछीड़ा लाल सूतो कांई चादर ताण……॥(1)
म्हारा गुरुजी नै करदी महर भव सूं तारण की॥(टेर)
सतगुरु दाता भेद मिटाया, सेरी तो बताई सब सारण की॥
म्हारा गुरुजी नै करदी महर भव सूं तारण की……॥(1)
काम, करोद, मद लोब लुटेरा, जुगती बताई ज्यानै मारण की॥
म्हारा गुरुजी नै करदी महर भव सूं तारण की……॥(2)
अबार की राय