ढूँढाड़ी लोग-गीत

हटवाड़ै जाया यो छोगालाल

छोगालाल थारो दादो हटवाड़ै जाया यो रै॥(टेर)
फेर तड़कै उठर जावैलो, सांझ पड़्यां घर आवैलो॥
छोगालाल थारो दादो……॥(1)


खोल गांठडी देख रै भाया, छोगालाल कांई-कांई लायो।
ताता-ताता माल पुवा या खाया यो॥
छोगालाल थारो दादो……॥(2)

बेटी रै वाळा सुण बापजी रै

बेटी रै वाळा सुण बापजी रै।
थारी बेटी नै दे परणाई, सम्मेलण मांईनै रै॥(टेर)
पाणी कोनै रैधरती मांईनै रै।
बीरा म्हारा पड़तो आग्यो काळ, भूल मत रांखजे रै॥
बेटी रैवाळा सुण बापजी रै……॥(1)

छोर्यां हेलो देती

छोर्यां हेलो देती घुसगी रै, या करगी खूब कमाल।
करगी खूब कमाल रै, थे सुण ज्यो छोर्यां का हाल॥(टेर)


सरम नांव की चीज नै तो, दी चूला मै बाळ।
अब की छोर्यां माथा का रांखै खुल्ला बाळ॥
छोर्यां हेलो देती घुसगी रै, या करगी……॥(1)

काळी छींट को घागरो

ढोला ढोल मंजीरा बाजे रै।
काळी छींट को घागरो नजारा मारे रै॥(टेर)


साठ कळी को घागरो जी कळी-कळी मै फेर।
पहर बजारां नखळगी जी, रफ्या को हैग्यो ढेर॥
ढोला ढोल मजीरा बाजे रै, काळी……॥(1)

फूलां की साड़ी

छाव-छाव मै भूल्याई फूलां की साड़ी।
थोड़ी रोकलै बाबूड़ा थारी रैलगाडी॥(टेर)


पांच कोस सूं भागी आई, भर्यो पसीनो अंग।
चोली तो म्हारी टपक्याई, डील हियो बदरंग।
पीण्ड्यां म्हारी आम गई छै, घणी गाडी॥
थोड़ी रोकलै बाबूड़ा थारी……॥(1)

भाया चीलगाडी आगी रै

भाया चीलगाडी आगी रै।
चूलो बळतो छोड बीनणी देखण भागी रै॥(टेर)


आछ्यो ल्यायो बीनणी, बिर्था खरचर दाम।
या तो नागा मैली, नागी रै॥
चूलो बळतो छोड बीनणी देखण……॥(1)

असी कांई बीनणी आई रै

असी कांई बीनणी आई रै।
घर मै हैग्यो घोर जीव नै चडी कड़ाई रै॥(टेर)


एडी ईंकी उजळी रै, कणियां नो मण मेल।
छै मैना बिर्था डोल्या, या असल संखणी भाई रै॥
घर मै हैग्यो घोर जीव नै ……॥(1)

कुलखणा की राण्ड

कुलखणा की राण्ड बजाई रण्डवो रहबो ठीक॥(टेर)


ज्यानै मलगी राण्ड करकसा फूट्या जिंका भाग।
पाड़ोस्यां कै जाडो चडज्या, सुणकर ईंकी छींक॥
कुलखणा की राण्ड बजाई रण्डवो……॥(1)

चरड़-मरड़ की जूती

चरड़-मरड़ की जूती पैरै, चोमू सहर कचोळ्या की॥(टेर)


लाल गिटी का चूड़ा पैरै माहर ओर सामोत की।
नथली पैरै नाक चडावै, बअ बांसा का नेड़ा की॥
चरड़-मरड़ की जूती पैरै, चोमू……॥(1)

छोर्यां फेसन मै

छोर्यां फेसन मै जूलम करगी रै।
चूड़ो पैरे नहीं, घड़ी हाथ मै बांदे रै॥(टेर)


कुड़ती कब्जो ओर घागरो खूंट्यां दियो टांक।
दोनी हाथां मै बांदै घूगरा, एडी ऊंची कर-कर चाले रै॥
चूड़ो पैरे नहीं, घड़ी हाथ मै बांदे रै……॥(1)