ढूँढाड़ी लोग-गीत

छोरी जेपर की

या छै छोरी जेपर की, ईंकी कणियाँ कियाँ हैरी छै॥(टेर)


ज्याँ मरदाँ का करम फूटग्या, ज्याँकी बीबी मोटी छै।
दरवाजा पै अटक जावै तो टल्लम-टल्ला हैरी छै॥
या छै छोरी जेपर की, ईंकी कणियाँ……॥(1)

काळ्यो कूद पड़्यो मेळा मै

काळ्यो कूद पड़्यो रै मेळा मै साइकल पंचर करल्यायो॥(टेर)


दो दन डटजा रै डोकरिया, छोरी म्हारी बाजरियो काटै॥
काळ्यो कूद पड़्यो रै मेळा मै……॥(1)


बाजा बाजरिया डूँगर मै, छोरी तन लेबाळो आयो॥
काळ्यो कूद पड़्यो रै मेळा मै……॥(2)

मत बावै म्हारा परण्या जीरो

मत बावै म्हारा परण्या जीरो।
यो जीरो जीवरो बैरी रै, मत बावै म्हारा परण्या जीरो॥(टेर)


पाणत करती रा पगल्या रैग्या..., ओ म्हारा कड़ुल्या घसग्या चाँदी रा॥
मत बावै म्हारा परण्या जीरो, यो जीरो जीवरो……॥(1)

लटूर्या दाई नै बलाल्या रै

म्हारो मस-मस दुखै पेट लटूर्या दाई नै बलाल्या रै(टेर)


बाजा बाजै ये डूँगर मै छोरी तोनै लेबाळो आयो।
म्हारो उठै रै कळेजो, म्ह मरी ये दरद की मारी, दुवाई बेगो दे दे रै।
म्हारो मस-मस दुखै पेट लटूर्या दाई नै……॥(1)

बाबुल ब्याव सगाई रहबा दै

बाबुल ब्याव सगाई रहबा दै।
छोटी-सी उमर मै मत परणावै।
म्हानै पडबा जाबा दै रै॥(टेर)


एक बरस मै करी सगाई, दूजा बरस मै फेरा।
आठ बरस मै गोणो कर दियो, कियाँ बारनै डेरा॥
छोटी-सी उमर मै मत परणावै……॥(1)