जाणकारी:-
या वेबसाइट खास तोर सूं ढूँढाड़ी बोलबाळा लोगां कै काम मै लेबा कै तोड़ी छै। सगळा ढूँढाड़ी बोलबाळा नै अलग-अलग परकार का लेख मै योगदान देबा कै तोड़ी बलाया छै। जियां- बातां, कावतां, मुवावरा, चोखा बच्यार, चुटकला, कबिता, लोग-गीत, भजन, लुगायां का गीत, साख, पेळ्‍यां, तुंवार, सादी-समारो, परथा अर सांस्करतिक कार्यकरम ये सब छै ओर कोई भी बोलबाळा की ईं वेबसाइट पै अपलोड करेड़ी सगळी सामगरी ढूँढाड़ी मैईं हैणी चाईजे। ये सगळी सामगर्यां सांस्करतिक अर सामाजिक का स्याब सूं ढूँढाड़ी समुदाय कै तोड़ी बडिया हैणी चाईजे। जद्‌यां भी मोखो मलै तो, चूणेड़ा लेखां नै कोई भी दूसरी भासा मै बदल सकै छै अर अनुवाद करबाळो लेख नै ओर दूसरी भासा मै भी बदल सकै छै।

वेबसाइट की सुरूआत:-
(1) मालिक:-
आपां, ढूँढाड़ी लोग, ढूँढाड़ी संस्करति का मालिक छां। आपां ढूँढाड़ी का जाणकार छां अर कोई भी बारै का आदमी सूं बडिया ढूँढाड़ी बोलां छां। ईं वेबसाइट पै डालेड़ी सामगरी का मालिक सगळा ढूँढाड़ी समुदाय का लोग छै।
(2) ढूँढाड़ी समिति:- वेबसाइट मै नई सामगरी जोड़बा बेई ढूँढाड़ी बोलबाळा की एक समिति हैवली। ईं वेबसाइट नै बणार रांखबा अर ईंकी साळ-संभाळ करबा का बारा मै फैसलो लेबा कै तोड़ी जिम्मेवार हैवंला।
(3) सामगरी देबो:- केवल ढूँढाड़ी बोलबाळा लोग ढूँढाड़ी मै लेख, कबिता, बातां अर ओर दूसरा साइत्य भी लिख सकै छै। आपां ढूँढाड़ी लोग अलग-अलग साइत्य नै बणाबा अर वेबसाइट पै अपलोड करबा कै तोड़ी सब मलर काम करालां। भासा का स्याब सूं लिखबाळा नै पचाण्यो जावैलो, थांकी हिम्मत बंदार आगै सूं आगै बडता रैवंला। क्यूंकि म्हे थानअ नरा साइत्य मै सायता देता रैवंला।
(4) जुड़र योगदान देबाळा लोग: - साइत्य को सुदार अर राय देबा कै तोड़ी, वेबसाइट पै थांको नांव, पतो, मोबाइल लम्बर अर ईमेल आईडी जस्या उपकरण कै साथ जुड़ सकै छै। अस्यां सगळा आदम्यां की जाणकारी नै छुपार रांखला अर कद्‌यां भी ऊँनअ उजागर न करां?
(5) राय:- ढूँढाड़ी बोलबाळा वेबसाइट पै डलेड़ी सामगरी मै बदलाव करबा बेई राय दे सकै छै। खांका (लेआउट) या वेबसाइट का बारा मै कोई भी छोटी-मोटी राय दे सकै छै। ताकि या हर आबाळा कै तोड़ी एक चोखी जाणकारी बण सकै।