सोवै काळी नागणी, जगावै ग्यानी भंवरो रै॥(टेर)


थारी तो नगरी मै रै भंवरा, पांच पटराणी रै।
भजन करैली वै तो बिना सुर-बाणी रै॥
सोवै काळी नागणी, जगावै ग्यानी भंवरो……॥(1)


थारी तो नगरी मै रै भंवरा, छीपण पटराणी रै।
कपड़ा रंगैली वा तो बिना रंग-पाणी रै॥
सोवै काळी नागणी, जगावै ग्यानी भंवरो……॥(2)


थारी तो नगरी मै रै भंवरा, धोबण पटराणी रै।
कपड़ा धोवैली वा तो बिना साबण-पाणी रै॥
सोवै काळी नागणी, जगावै ग्यानी भंवरो……॥(3)


कहत मछन्दर सुणो जैती गोरख रै।
ईं पद की कोई करै सोदना, वोई चत्‍तर-सुजानी रै॥
सोवै काळी नागणी, जगावै ग्यानी भंवरो……॥(4)