छोर्यां हेलो देती घुसगी रै, या करगी खूब कमाल।
करगी खूब कमाल रै, थे सुण ज्यो छोर्यां का हाल॥(टेर)
सरम नाँव की चीज नै तो, दी चूला मै बाळ।
अब की छोर्यां माथा का राँखै खुल्ला बाळ॥
छोर्यां हेलो देती घुसगी रै, या करगी……॥(1)
मोट्याराँ सूँ हाथ मलावै, बाथ गळा मै घाल॥
देखो धड़ा बजाराँ घूमै, आँख्याँ मै काजळ घाल।
छोर्यां हेलो देती घुसगी रै, या करगी……॥(2)
पैल्याँ की छोर्यां राँखै छी, अपणा ढख्याँ गाल।
जाणै बकरा फाड़कर आई रै, होटाँ नै करल्याई लाल॥
छोर्यां हेलो देती घुसगी रै, या करगी……॥(3)
आजकाल की छोर्यां मै छै याई खूबी, ये भारत नै ले डूबी।
ईंसूँ हैग्या छोरा महँगा रै, टीका मै माँगै माल॥
छोर्यां हेलो देती घुसगी रै, या करगी……॥(4)
- थाँकी राय द्यो