छोगालाल थारो दादो हटवाड़ै जाया यो रै॥(टेर)
फेर तड़कै उठर जावैलो, सांझ पड़्याँ घर आवैलो॥
छोगालाल थारो दादो……॥(1)
खोल गांठडी देख रै भाया, छोगालाल काँई-काँई लायो।
ताता-ताता माल पुवा या खाया यो॥
छोगालाल थारो दादो……॥(2)
नैन्याँ सा छोरा कै तोड़ी, सूको पेठो ल्यायो॥
छोगालाल थारो दादो……॥(3)
छोटड़ली का खैबा सूँ सारो काम कर्यायो।
खुद कै तोड़ी बंगड़ी बाळी ले आयो, बाजू नै कोन पुवायो॥
छोगालाल थारो दादो……॥(4)
महंगा मोल की बंगडी बाळी ले आयो॥
छोगालाल थारो दादो……॥(5)
- थाँकी राय द्यो