एक बार पैल्यां की बात छै। एक गांव कै बारै एक बड़ छो। ऊँ बड़ पै एक कागलो घुस्याळो बणार रै छो अर बड़ की जड़ा मै एक काळो स्यांप रै छो। वो स्यांप बड़ पै चडर कागला का बच्या नै खाज्या छो। कागलो ऊँ स्यांप सूं घाडो खुराब हैग्यो। एक दन वो कागलो एक राजा का महल मै चलग्यो। उण्डै राजा की राणी गळा का हार नै खोलर न्हाबा लागरी छी। कागलो ऊँ हार नै उठा लियो अर लेर बड़ ओड़ी आयो तो राणी भी कागला कै पाछै-पाछै बड़ कै तळै आगी। राणी को पाछ्यो करर, राजा का दरबारी भी उण्डै आग्या।
वो कागलो ऊँ हार नै बड़ की जड़ा मै पटक दियो। राणी ऊँ हार नै लेबा लागी तो, वो स्यांप बामी मै सूं बारै नखळ्यायो अर राणी नै खाबा भाग्यो तो, राजा का दरबारी ऊँ स्यांप नै मार दिया। स्यांप नै मर्यां पाछै कागलो निकां बडिया रियो।
सीख :- अकल बडी है छै।
- थाँकी राय द्यो