एक बार एक राजो छो। वो राजो स्याळा का दना मै रजायां भरवाबा की सोच्यो। वो ऊँका एक सन्तरी नै खियो कै, पन्दारा नै बलार ल्या। सन्तरी गियो अर पन्दारा नै बला ल्यायो। राजो खियो कै, “भाई आपणै दस-पन्दरा रजायां भराणी छै। तू थारा ओजार लियाज्यो अर अण्डैई आजाज्यो।” पन्दारो घरां जार अपणो खटकणो लियायो अर दो च्यार दन मै सारी रजायां बाणार घरां जार्यो छो। गेला मै एक नन्दी छी। नन्दी कै पैला डावा पै ऊँनै एक नार दीख्यो। नार दिखतांई वो पसेवां मै झांपाझोप हैग्यो। ऊँका पग थर-थर धूजबा लागग्या, जियां- “पगां की जमी नखळगी।” वो जगां को जगांईं उबो रियो। उण्डी नै नार सोच्यो कै, ईं आदमी का गळा मै जिंयान को ओजार आपां कद्यांईं कोन देख्या, आपां अण्डै सूं चग्यार यो आपां नै अबार मार देलो। ईं सगळी बारता नै एक स्याळ देखर्यो छो। स्याळ घणो हुंस्यार छो। वो एक अकल लगायो। वो जार पन्दारा नै खियो कै, “कांई बात छै? इंयां क्यूं उबो छै?” वो बोल्यो कै, सामै देख थारो बाप, अबार मन खाज्या छै। स्याळ सारी बात समजग्यो। वो भाग्योई जार नार नै खियो, राजाजी-राजाजी इंयां क्यूं उबा छो? नार बोल्यो कै, “ऊँका गळा मै देख कांई लटकर्यो छै?”
म्ह अण्डा सूं हाल्योर अबार मारै छै। स्याळ बोल्यो कै, “म्ह ईंसूं थांकी ज्यान बचाद्यूं तो?” नार बोल्यो, तू खवै ज्योई करूंलो। स्याळ बोल्यो, “म्ह थांका माथा पै सात जूती द्यूंलो।” वो बोल्यो ठीक छै। स्याळ ऊँका माथा पै बैठर सात जूती मार्यो अर बोल्यो, म्ह जार ऊँनै बातां लगाऊँ छूँ अर थे नखळ जाज्यो। स्याळ जार पन्दारा सूं बोल्यो कै, “म्ह ईंसूं, थारी ज्यान बचाद्यूं तो?” पन्दारो बोल्यो, “तू खवै ज्योई करूंलो।” वो बोल्यो, “म्ह थारो पेट खाऊँलो।” वो बोल्यो ठीक छै। अतरामैईं वो नार ओड़ी असारो कर दियो अर नार उण्डा सूं भागग्यो। अब स्याळ पन्दारा को पेट खाबा बेई ऊँकै च्यारुंमेर फरै। पन्दारा को जीव घोळ हैग्यो। वो एक बला सूं टळ्यो तो दूसरी आगी। अब वो डर को मार्यो लग-लग धूजै, पेट मै कुळ्ळाटी माचरी छी। ज्यूंईं स्याळ पाछै गियो अर आदमी अणाचुको जोर सूं पाद्यो। पादतांई स्याळ बोल्यो, “कै यो थारा पेट मै कांई बोलै छै?” पन्दारा नै बचबा को मोखो मलग्यो। वो बोल्यो, यार तू तो खालै। स्याळ बोल्यो, नहीं पैली तू बता? पन्दारो बोल्यो, खैद्यूं कै, हां यार बता, स्याळ बोल्यो, तो सुण म्ह छोटो छो, जद्यां मन म्हारा घरका घणा भूचर्या खुवाया छा अर अब वै बडा हैग्या वै सगळा इंयां खैर्या छै कै, तू म्हानै बारै नखाळ म्हे ईं स्याळ नै अबार खावां छां। स्याळ डरपग्यो अर बोल्यो कै, यार थारा हाथ नै थोड़ी देर पाछै लगालै, मन भाग जाबा दै। वो बोल्यो, अब ये कोन डटै। अतरामैईं स्याळ भागग्यो अर पन्दारो ऊँकी ज्यान बचार आग्यो।
सीख:- अकल बडी है छै।
- थाँकी राय द्यो