चमत्कारी मून्दड़ी
एक बार एक गाँव मै एक सोपाल नाँव को आदमी रै छो। वो एक नन्दी मै सूँ मच्छ्याँ नखाळर अपणा बाळकाँ नै पाळै छो। एक दन वो नन्दी मै मच्छ्याँ नखाळबा गियो तो जाळ मै मच्छ्याँ तो आई कोनै अर एक कापचो जाळ मै उळजर आग्यो। सोपाल ऊँ कापचा नै नन्दी की डाई प
- आगै ओर पडो
- थाँकी राय द्यो
अबार की राय