म्हारो मस-मस दुखै पेट लटूर्या दाई नै बलाल्या रै(टेर)
बाजा बाजै ये डूँगर मै छोरी तोनै लेबाळो आयो।
म्हारो उठै रै कळेजो, म्ह मरी ये दरद की मारी, दुवाई बेगो दे दे रै।
म्हारो मस-मस दुखै पेट लटूर्या दाई नै……॥(1)
थोड़ी घाडी करलै री छाती, रूक थोड़ो दीयो जळाद्यूँ ये।
थोड़ी ढीली छोड लटूर्यां मचल्यो टूट जासी ये॥
म्हारो मस-मस दुखै पेट लटूर्या दाई नै……॥(2)
तोनै देऊँ देसी दुवाई, दरद थारो सगळो मट जासी ये।
म्हारो मस-मस दुखै पेट, म्हारी थर-थर काया काँपै रै।
मत कर लाज को घूँगट थोड़ी आगै आजा ये॥
म्हारो मस-मस दुखै पेट लटूर्या दाई नै……॥(3)
- थाँकी राय द्यो