लोबी पण्डत
एक गांव मै बदरी नांव को आदमी छो। वो एक गण्डकड़ो पाळ मेल्यो छो। वो गण्डकड़ो एक दन बेमार पड़ग्यो अर थोड़ा दना पाछै मरग्यो। गण्डकड़ा नै मर्यां पाछै बदरी भी बेमार पड़ग्यो। एक दन बदरी कै घरां एक पण्डत आग्यो अर बदरी नै खियो कै, तू पाप कर्यो छो, जिसूं बेमार हियो छै। बदरी खियो
- आगै ओर पडो
- थाँकी राय द्यो
अबार की राय