ठोकर खायां सूं आंख्यां खुलअ छ।
अर्थ = कुछ खोकर ही अक्ल आती है।
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अर्थ = कुछ खोकर ही अक्ल आती है।
अर्थ = दूसरों में बुराई नजर आती है, पर अपनी बुराई नहीं।
अर्थ = डूबते हुए व्यक्ति को एक तिनके का भी बहुत सहारा होता है।
अर्थ = उम्र का कम होना व बहता हुआ पानी कभी भी नहीं ठहरता है।
अबार की राय